ऐ मेरे दोस्त! मेरे अजनबी! ~ अमृता प्रीतम

ऐ मेरे दोस्त! मेरे अजनबी!एक बार अचानक – तू आयावक़्त बिल्कुल हैरानमेरे कमरे में खड़ा रह गया।साँझ का सूरज अस्त होने को था,पर न हो सकाऔर डूबने की क़िस्मत वो भूल-सा गया… फिर आदि के नियम ने एक दुहाई दी,और वक़्त ने उन खड़े क्षणों को देखाऔर खिड़की के रास्ते बाहर को भागा… वह बीते … Read more

हम हैं बहता पानी बाबा ~ अजय पाठक

अजय पाठक

मिलती जुलती बातें अपनी मसला एक रुहानी बाबातुम हो रमता जोगी – साधु हम हैं बहता पानी बाबा कठिन तपस्या है यह जीवन, राग-विराग तपोवन हैतुम साधक हो हम साधन हैं, दुनिया आनी-जानी बाबा तुमने दुनिया को ठुकराया, हमको दुनिया वालों नेहम दोनों की राह जुदा है, लेकिन एक कहानी बाबा धुनी रमाये तुम बैठे … Read more

जो बात है हद से बढ़ गयी है – फ़िराक़ गोरखपुरी

फ़िराक़ गोरखपुरी

जो बात है हद से बढ़ गयी हैवाएज़ के भी कितनी चढ़ गई है हम तो ये कहेंगे तेरी शोख़ीदबने से कुछ और बढ़ गई है हर शय ब-नसीमे-लम्से-नाज़ुकबर्गे-गुले-तर से बढ़ गयी है जब-जब वो नज़र उठी मेरे सरलाखों इल्ज़ाम मढ़ गयी है तुझ पर जो पड़ी है इत्तफ़ाक़नहर आँख दुरूद पढ़ गयी है सुनते हैं कि … Read more

क्या क्या ज़ुल्म न ढाया लोगों ने

हम को दिवाना जान के क्या क्या ज़ुल्म न ढाया लोगों ने दीन छुड़ाया धर्म छुड़ाया देस छुड़ाया लोगों ने तेरी गली में आ निकले थे दोश हमारा इतना था पत्थर मारे तोहमत बाँधी ऐब लगाया लोगों ने तेरी लटों में सो लेते थे बे-घर आशिक़ बे-घर लोग बूढ़े बरगद आज तुझे भी काट गिराया … Read more

उस पार न जाने क्या होगा – हरिवंशराय बच्चन

इस पार, प्रिये मधु है तुम हो,उस पार न जाने क्या होगा!यह चाँद उदित होकर नभ मेंकुछ ताप मिटाता जीवन का,लहरा लहरा यह शाखाएँकुछ शोक भुला देती मन का,कल मुर्झानेवाली कलियाँहँसकर कहती हैं मगन रहो,बुलबुल तरु की फुनगी पर सेसंदेश सुनाती यौवन का,तुम देकर मदिरा के प्यालेमेरा मन बहला देती हो,उस पार मुझे बहलाने काउपचार … Read more

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