ये रात ये तन्हाई – मीना कुमारी

ये रात ये तन्हाई ये दिल के धड़कने की आवाज़ ये सन्नाटा ये डूबते तारॊं की खा़मॊश गज़ल खवानी ये वक्त की पलकॊं पर सॊती हुई वीरानी जज्बा़त ऎ मुहब्बत की ये आखिरी अंगड़ाई बजाती हुई हर जानिब ये मौत की शहनाई सब तुम कॊ बुलाते हैं पल भर को तुम आ जाओ बंद होती … Read more

बदन पर नई फ़स्ल आने लगी – आदिल मंसूरी

बदन पर नई फ़स्ल आने लगी हवा दिल में ख़्वाहिश जगाने लगी कोई ख़ुदकुशी की तरफ़ चल दिया उदासी की मेहनत ठिकाने लगी जो चुपचाप रहती थी दीवार में वो तस्वीर बातें बनाने लगी ख़यालों के तरीक खंडरात में ख़मोशी ग़ज़ल गुनगुनाने लगी ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में तिरी याद आँखें दुखाने लगी – … Read more

भारत जमीन का टुकड़ा नहीं – अटल बिहारी वाजपेयी

भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है। हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है, पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं। पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं। कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है। यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है, यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण … Read more

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