जीवन नहीं मरा करता है – नीरज

छुप- छुप अश्रु बहाने वालो !मोती व्यर्थ लुटाने वालो !कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है । सपना क्या है ? नयन सेज परसोया हुआ आँख का पानी,और टूटना है उसका ज्योंजागे कच्ची नींद जवानी,गीली उमर बनाने वालो!डूबे बिना नहाने वालो !कुछ पानी के बह जाने से सावन नहीं मरा करता … Read more

फिर यूँ हुआ – निदा फ़ाज़ली

मुमकिन है चन्द रोज़परीशाँ रही हो तुमयूँ भी हुआ हो , वक़्त पर सूरज उगा न होइमली में कोई अच्छा क़तारा पका न होछत की खुली हवाओं में आँचल उड़ा न हो दो -तीन दिन रजाई में सर्दी रुकी न होकमरे की रात पंख पसारे उड़ी न हो हँसने की बात पर भी ब – … Read more

हम को मन की शक्ति देना ~ गुलज़ार

गुलज़ार

हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करेंदूसरो की जय से पहले, ख़ुद को जय करें। भेद भाव अपने दिल से साफ कर सकेंदोस्तों से भूल हो तो माफ़ कर सकेझूठ से बचे रहें, सच का दम भरेंदूसरो की जय से पहले ख़ुद को जय करेंहमको मन की शक्ति देना। मुश्किलें पड़े तो हम … Read more

क्षण भर को क्यों प्यार किया था? ~ हरिवंश राय बच्चन

अर्द्ध रात्रि में सहसा उठकर,पलक संपुटों में मदिरा भर,तुमने क्यों मेरे चरणों में अपना तन-मन वार दिया था?क्षण भर को क्यों प्यार किया था? ‘यह अधिकार कहाँ से लाया!’और न कुछ मैं कहने पाया –मेरे अधरों पर निज अधरों का तुमने रख भार दिया था!क्षण भर को क्यों प्यार किया था? वह क्षण अमर हुआ … Read more

कमरे में धूप ~ कुंवर नारायण

हवा और दरवाज़ों में बहस होती रही,दीवारें सुनती रहीं।धूप चुपचाप एक कुरसी पर बैठीकिरणों के ऊन का स्वेटर बुनती रही। सहसा किसी बात पर बिगड़ करहवा ने दरवाज़े को तड़ सेएक थप्पड़ जड़ दिया ! खिड़कियाँ गरज उठीं,अख़बार उठ कर खड़ा हो गया,किताबें मुँह बाये देखती रहीं,पानी से भरी सुराही फर्श पर टूट पड़ी,मेज़ के हाथ … Read more

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