हम को मन की शक्ति देना ~ गुलज़ार

गुलज़ार

हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करेंदूसरो की जय से पहले, ख़ुद को जय करें। भेद भाव अपने दिल से साफ कर सकेंदोस्तों से भूल हो तो माफ़ कर सकेझूठ से बचे रहें, सच का दम भरेंदूसरो की जय से पहले ख़ुद को जय करेंहमको मन की शक्ति देना। मुश्किलें पड़े तो हम … Read more

गुलज़ार

बस एक लम्हे का झगड़ा था – गुलज़ार बस एक लम्हे का झगड़ा थादर-ओ-दीवार पे ऐसे छनाके से गिरी आवाज़जैसे काँच गिरता हैहर एक शय में गईउड़ती हुई, चलती हुई, किरचेंनज़र में, बात में, लहजे में,सोच और साँस के अन्दरलहू होना था इक रिश्ते कासो वो हो गया उस दिनउसी आवाज़ के टुकड़े उठा के … Read more

गुलज़ार

1) चौदहवीं रात के इस चाँद तलेसुरमई रात में साहिल के क़रीब दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू ईसा के हाथ से गिर जाए सलीब बुद्ध का ध्यान चटख जाए ,कसम से तुझ को बर्दाश्त न कर पाए खुदा भी  दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू चौदहवीं रात के इस चाँद तले ! 2) छोटे थे, माँ उपले थापा … Read more

गुलज़ार

बस एक चुप सी लगी है, नहीं उदास नहीं! कहीं पे सांस रुकी है! नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!! कोई अनोखी नहीं, ऐसी ज़िन्दगी लेकिन! खूब न हो, मिली जो खूब मिली है! नहीं उदास नहीं, बस एक चुप सी लगी है!! सहर भी ये रात भी, दोपहर भी मिली लेकिन! … Read more

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