अपना ग़म ले के – निदा फ़ाज़ली

अपना ग़म ले के कहीं और न जाया जाएघर में बिखरी हई चीज़ों को सजाया जाए । जिन चिरागों को हवाओं का कोई खौफ़ नहींउन चिराग़ो को हवाओं से बचाया जाए। बाग़ में जाने के आदाब हुआ करते हैंकिसी तितली को न फूलों से उड़ाया जाए। ख़ुदकशी करने की हिम्मत नहीं होती सबमेंऔर कुछ दिन … Read more

फिर यूँ हुआ – निदा फ़ाज़ली

मुमकिन है चन्द रोज़परीशाँ रही हो तुमयूँ भी हुआ हो , वक़्त पर सूरज उगा न होइमली में कोई अच्छा क़तारा पका न होछत की खुली हवाओं में आँचल उड़ा न हो दो -तीन दिन रजाई में सर्दी रुकी न होकमरे की रात पंख पसारे उड़ी न हो हँसने की बात पर भी ब – … Read more

फ़ेमस शायरी

मोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल मख़्सूस होते हैंये वो नग़्मा है जो हर साज़ पर गाया नहीं जाता मख़मूर देहलवी Download Hindi Kavya Dhara application रोने वाले तुझे रोने का सलीक़ा ही नहींअश्क पीने के लिए हैं कि बहाने के लिए आनंद नारायण मुल्ला कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलताकहीं ज़मीन कहीं आसमाँ … Read more

निदा फ़ाज़ली

बच्चा बोला देख कर मस्जिद आली-शान । अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान ।। मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार । दुख ने दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार ।। घर को खोजें रात दिन घर से निकले पाँव । वो रस्ता ही खो गया जिस रस्ते था गाँव ।। … Read more

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