क्यों इन तारों को उलझाते ?
Download Hindi Kavya Dhara application आज क्यों तेरी वीणा मौन ? शिथिल शिथिल तन थकित हुए कर, स्पंदन भी भूला जाता उर, मधुर कसक सा आज हृदय में आन समाया कौन? आज क्यों तेरी वीणा मौन ? झुकती आती पलकें निश्चल, चित्रित निद्रित से तारक चल; सोता पारावार दृगों में भर भर लाया कौन ? … Read more