दर्द बढ़ा देता है

ज़हर देता है कोई कोई दवा देता है जो भी मिलता है मिरा दर्द बढ़ा देता है किसी हमदम का सर-ए-शाम ख़याल आ जाना नींद जलती हुई आँखों की उड़ा देता है प्यास इतनी है मेरी रूह की गहराई में अश्क गिरता है तो दामन को जला देता है किस ने माज़ी के दरीचों से … Read more

बाँझ – मंटो

मेरी और उस की मुलाक़ात आज से ठीक दो बरस पहले अपोलो बंदर पर हुई शाम का वक़्त था, सूरज की आख़िरी किरणें समुंद्र की उन दराज़ लहरों के पीछे ग़ायब हो चुकी थी। जो साहिल के बंच पर बैठ कर देखने से मोटे कपड़े की तहें मालूम होती थीं। मैं गेट आफ़ इंडिया के … Read more

खूबसूरत मोड़ – साहिर लुधियानवी

चलो इक बार फिर से अज़नबी बन जाएँ हम दोनों न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखो दिलनवाज़ी की न तुम मेरी तरफ देखो गलत अंदाज़ नज़रों से न मेरे दिल की धड़कन लडखडाये मेरी बातों से न ज़ाहिर हो हमारी कशमकश का राज़ नज़रों से तुम्हे भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से मुझे भी … Read more

चरणस्‍पर्श का विज्ञान – ओशो

पश्चिम में दो विचारक हुए हैं, लेंगे और विलियम जेम्स। उन्होंने एक सिद्धात विकसित किया था, जेम्स—लेंगे सिद्धांत। वह उलटी बात कहता है सिद्धांत, लेकिन बड़ी महत्वपूर्ण। आमतौर से हम समझते हैं कि आदमी भयभीत होता है, इसलिए भागता है। जेम्स— लेंगे कहते हैं, भागता है, इसलिए भयभीत होता है। आमतौर से हम समझते हैं, … Read more

मीराँबाई

होरी खेलनकू आई राधा प्यारी हाथ लिये पिचकरी॥ध्रु०॥कितना बरसे कुंवर कन्हैया कितना बरस राधे प्यारी॥ हाथ०॥१॥सात बरसके कुंवर कन्हैया बारा बरसकी राधे प्यारी॥ हाथ०॥२॥अंगली पकड मेरो पोचो पकड्यो बैयां पकड झक झारी॥ हाथ०॥३॥मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर तुम जीते हम हारी॥ हाथ०॥४॥ होरी खेलत हैं गिरधारी।मुरली चंग बजत डफ न्यारो।संग जुबती ब्रजनारी।।चंदन केसर छिड़कत मोहनअपने … Read more

error: Content is protected !!