दर्द बढ़ा देता है
ज़हर देता है कोई कोई दवा देता है जो भी मिलता है मिरा दर्द बढ़ा देता है किसी हमदम का सर-ए-शाम ख़याल आ जाना नींद जलती हुई आँखों की उड़ा देता है प्यास इतनी है मेरी रूह की गहराई में अश्क गिरता है तो दामन को जला देता है किस ने माज़ी के दरीचों से … Read more