विवश ना बन

बंदा तु विवश ना बन छोडना तु मंजिल का पथ मन की सुन – मन की कर हार कभी नहीं है हौशले की तुही तेरा गुरु – तुही तेरा शिष्य प्रतिभा पर पाबंदी कयों? तारीफ की उम्मीदें कयो? राह चुनी हे चलता जा कंकर कि परवाह कयो? मन की उडान छुता जा तालीयाँ की उम्मीद … Read more

लो दिन बीता लो रात गयी – हरिवंशराय बच्चन

सूरज ढल कर पच्छिम पंहुचा,डूबा, संध्या आई, छाई,सौ संध्या सी वह संध्या थी,क्यों उठते-उठते सोचा थादिन में होगी कुछ बात नईलो दिन बीता, लो रात गई धीमे-धीमे तारे निकले,धीरे-धीरे नभ में फ़ैले,सौ रजनी सी वह रजनी थी,क्यों संध्या को यह सोचा था,निशि में होगी कुछ बात नई,लो दिन बीता, लो रात गई चिडियाँ चहकी, कलियाँ … Read more

चाहता हूँ प्रेम

मैं नहीं चाहता हर कोई मुझे प्‍यार करेइसलिए कि संघर्ष की भावना के साथ-साथमुझमें बीज की तरह बैठा है मेरा युगशायद एक नहीं, बल्कि कई-कई युग। पश्चिम के प्रति मैं सावधान होने का अभिनय नहीं करता,न पूरब की पूजा करता हूँ अंधों के तरह,दोनों पक्षों की प्रशंसा पाने के लिएमैंने स्‍वयं अपने से पूछी नहीं … Read more

हम से पूछो कैसा है वो – नक़्श लायलपुरी

हम से पूछो कैसा है वोशेर ग़ज़ल का लगता है वो उन आँख़ों से मिल कर देख़ोजिन आँख़ों में रहता है वो आओ करें उस पेड़ से बातेंजंगल में भी तनहा है वो चाहें भी तो हाथ न आएतेज़ हवा का झोंका है वो आया था जो बनके समंदरसाहिल साहिल प्यासा है वो दुख़ में … Read more

वो आदमी

वो आदमी नहीं है मुकम्मल बयान है माथे पे उसके चोट का गहरा निशान है वे कर रहे हैं इश्क़ पे संजीदा गुफ़्तगू मैं क्या बताऊँ मेरा कहीं और ध्यान है सामान कुछ नहीं है फटेहाल है मगर झोले में उसके पास कोई संविधान है उस सिरफिरे को यों नहीं बहला सकेंगे आप वो आदमी … Read more

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