क्षण भर को क्यों प्यार किया था? ~ हरिवंश राय बच्चन
अर्द्ध रात्रि में सहसा उठकर,पलक संपुटों में मदिरा भर,तुमने क्यों मेरे चरणों में अपना तन-मन वार दिया था?क्षण भर को क्यों प्यार किया था? ‘यह अधिकार कहाँ से लाया!’और न कुछ मैं कहने पाया –मेरे अधरों पर निज अधरों का तुमने रख भार दिया था!क्षण भर को क्यों प्यार किया था? वह क्षण अमर हुआ … Read more