सद्यःस्नाता

पानीछूता है उसेउसकी त्वचा के उजास कोउसके अंगों की प्रभा को – पानीढलकता है उसकीउपत्यकाओं शिखरों में से – पानीउसे घेरता हैचूमता है पानी सकुचातालजातागरमाता हैपानी बावरा हो जाता है पानी के मन मेंउसके तन केअनेक संस्मरण हैं। अशोक वाजपेयी 

कैफ़ भोपाली के बेहतरीन शेर

कैफ़ भोपाली प्रसिद्ध शायर एवं गीतकार जो फिल्म “पाकीज़ा” में अपने गीत के लिए मशहूर हुए। Download Hindi Kavya Dhara application आग का क्या है पल दो पल में लगती हैबुझते बुझते एक ज़माना लगता है इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिलीजब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले दाग़ दुनिया ने … Read more

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