सफ़र की हद है वहाँ तक – राहत इन्दौरी
Download Hindi Kavya Dhara application सफ़र की हद है वहाँ तक के कुछ निशान रहे चले चलो के जहाँ तक ये आसमान रहे ये क्या उठाये क़दम और आ गई मन्ज़िल मज़ा तो जब है के पैरों में कुछ थकान रहे वो शख़्स मुझ को कोई जालसाज़ लगता है तुम उस को दोस्त समझते हो … Read more