चुनिन्दा शेर

दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है इफ़्तिख़ार आरिफ़ इक बार उस ने मुझ को देखा था मुस्कुरा कर इतनी तो है हक़ीक़त बाक़ी कहानियाँ हैं मेला राम वफ़ा नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए पंखुड़ी इक गुलाब की सी है मीर तक़ी मीर … Read more

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