कई दिन से शरारत ही नहीं की मिरे अंदर का बच्चा लापता है अमित शर्मा तुझ पे जमी हैं सब की नज़रें तेरी नज़र में कौन रहेगा अनीस अब्र किस ख़ता की सज़ा मिली उस को किस लिए रोज़ घटता बढ़ता है इन्दिरा वर्मा ख़ैर दोज़ख़ में मय मिले न मिले शैख़-साहब से जाँ तो … Read more