सफ़र की हद है वहाँ तक – राहत इन्दौरी

Download Hindi Kavya Dhara application सफ़र की हद है वहाँ तक के कुछ निशान रहे चले चलो के जहाँ तक ये आसमान रहे ये क्या उठाये क़दम और आ गई मन्ज़िल मज़ा तो जब है के पैरों में कुछ थकान रहे वो शख़्स मुझ को कोई जालसाज़ लगता है तुम उस को दोस्त समझते हो … Read more

तू शब्दों का दास – राहत इन्दौरी

तू शब्दों का दास रे जोगी तेरा कहाँ विश्वास रे जोगी इक दिन विष का प्याला पी जा फिर न लगेगी प्यास रे जोगी ये सांसों का बन्दी जीवन किसको आया रास रे जोगी विधवा हो गई सारी नगरी कौन चला वनवास रे जोगी पुर आई थी मन की नदिया बह गए सब एहसास रे … Read more

राहत इन्दौरी

Download Hindi kavya Dhara Mobile application अपने होने का हम इस तरह पता देते थे खाक मुट्ठी में उठाते थे, उड़ा देते थे बेसमर जान के हम काट चुके हैं जिनको याद आते हैं के बेचारे हवा देते थे उसकी महफ़िल में वही सच था वो जो कुछ भी कहे हम भी गूंगों की तरह … Read more

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