नशीला चाँद
Download the application from this link नशीला चाँद आता है। नयापन रूप पाता है। सवेरे को छिपाती रात अंचल में, झलकती ज्योति निशि के नैन के जल में मगर फिर भी उजेला छिप ना पाता है – बिखर कर फैल जाता है। तुम्हारे साथ हम भी लूट लें ये रूप के गजरे किरण के फूल … Read more