गीता पंडित
तुम मधुर एक कल्पना से – गीता पंडित तुम मधुर एक कल्पना से, संग मेरे चल रहेअब विरह के गीत गानेकोई पल ना आयेगामन के मधुबन में ओ मीते !प्रेम फिर से गायेगारच रहे हैं गीत सुर सरगम मेंपल ये ढल रहे खोल दो सब बंद द्वारेमीत अंतर में पधारेदीप अर्चन आरती बनमन स्वयं को आज वारेदेख … Read more