तो मेरा तू ही ख़्वाब है – कुँवर बेचैन
कुँवर बेचैन आँखें हूँ अगर मैं, तो मेरा तू ही ख़्वाब हैमैं प्रश्न अगर हूँ, तो मेरा तू ज़वाब है। मैं क्यूँ न पढूं रोज़ नई चाह से तुझेतू घर में मेरे एक भजन की किताब है। खुश्बू भी, तेरा रंग भी मुझमें भरा हुआतू दिल की नई शाख़ पे पहला गुलाब है। देखा जो … Read more