एक अकेले का गाना
धन्य प्रिया तुम जागीं ना जाने दुखभरी रैन में कब तेरी अँखियाँ लागीं । जीवन नदिया, बैरी केवट, पार न कोई अपना घाट पराया, देस बिराना, हाट-बाट सब सपना । क्या मन की, क्या तन की, किहनी अपनी अँसुअन पागी ।। धन्य प्रिया… दाना-पानी, ठौर-ठिकाना, कहाँ बसेरा अपना निस दिन चलना, पल-पल जलना, नींद भई … Read more