‘इश्क़’ के चुनिंदा शेर

Download mobile application अपने हमराह जो आते हो इधर से पहले दश्त पड़ता है मियाँ इश्क़ में घर से पहले ~इब्न-ए-इंशा आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है ~जाँ निसार अख़्तर माना कि मोहब्बत का छुपाना है मोहब्बत चुपके से किसी रोज़ जताने के लिए आ … Read more

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