हो गए दिन जिन्हें भुलाए हुए

हो गए दिन जिन्हें भुलाए हुएआज कल हैं वो याद आए हुए मैं ने रातें बहुत गुज़ारी हैंसिर्फ़ दिल का दिया जलाए हुए एक उसी शख़्स का नहीं मज़कूरहम ज़माने के हैं सताए हुए सोने आते हैं लोग बस्ती मेंसारे दिन के थके थकाए हुए मुस्कुराए बग़ैर भी वो होंटनज़र आते हैं मुस्कुराए हुए गो … Read more

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