राधा की प्रीत

नई नही युगों पुरानी है रीत, किशन के संग राधा की प्रीत। वृंदावन की गलीयो में छिङी कोई धुन सुरीली, जैसे गोपीयो के अधरों पर कान्हा की हो मुरली। कृष्ण मे समाहित एसे है रुक्मणी , जैसे शिवशक्ति की अद्विक जोङी। कल्पना के परै मिलन बगैर विरह, अंततः मोहन को पा ही लेती मीरा स्वतः। … Read more

सीढियां उम्र कीे

सीढियां उम्र कीे बस यूँ ही चढा करते रहे, अपने साए के साथ ही आगे बढा करते रहे, हम तो दर पर बेठकर बस इंतजार करते रहे, ए खुशी हम तो तेरा ख्वाबों मे ही दीदार करते रहे, दिल की हस्ती को मिटा कर जार जार करते रहे, ये गुनाह अपने आप से हम बार … Read more

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