हम से पूछो कैसा है वो – नक़्श लायलपुरी

हम से पूछो कैसा है वोशेर ग़ज़ल का लगता है वो उन आँख़ों से मिल कर देख़ोजिन आँख़ों में रहता है वो आओ करें उस पेड़ से बातेंजंगल में भी तनहा है वो चाहें भी तो हाथ न आएतेज़ हवा का झोंका है वो आया था जो बनके समंदरसाहिल साहिल प्यासा है वो दुख़ में … Read more

मैं दुनिया की हक़ीकत जानता हूँ

मैं दुनिया की हक़ीकत जानता हूँकिसे मिलती है शोहरत जानता हूँ मेरी पहचान है शेरो सुख़न सेमैं अपनी कद्रो-क़ीमत जानता हूँ तेरी यादें हैं , शब बेदारियाँ हैंहै आँखों को शिकायत जानता हूं मैं रुसवा हो गया हूँ शहर-भर मेंमगर ! किसकी बदौलत जानता हूँ ग़ज़ल फ़ूलों-सी, दिल सेहराओं जैसामैं अहले फ़न की हालत जानता हूँ … Read more

दर्द बढ़ा देता है

ज़हर देता है कोई कोई दवा देता है जो भी मिलता है मिरा दर्द बढ़ा देता है किसी हमदम का सर-ए-शाम ख़याल आ जाना नींद जलती हुई आँखों की उड़ा देता है प्यास इतनी है मेरी रूह की गहराई में अश्क गिरता है तो दामन को जला देता है किस ने माज़ी के दरीचों से … Read more

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