दीपाली अग्रवाल – चुनिन्दा शेर

तुम मुझे ऐसे मिलना जैसे उफ़ुक पर धरती और आसमान मिलते हैं, हमारा इश्क़ शफ़्फ़ाफ़ होगा सूरज की मानिंद रंगों के सफ़र में ख़ुदरंग रहा करचलना है तो भीड़ से अलग चला कर वो आस्मां के शिकंजे में आते रहेनशेमन इधर बुलाता ही रहा वाक़ई दिल में कुछ रहा न होगाझगड़ता अगर प्यार होता उसे … Read more

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