उस पार न जाने क्या होगा! – हरिवंशराय बच्चन

फ़िराक़ गोरखपुरी

जग में रस की नदियाँ बहती, रसना दो बुँदे पाती है, जीवन की झिलमिल-सी झाँकी नयनों के आगे आती है, स्वर-तालमयी वीणा बजती , मिलती है बस झंकार मुझे, मेरे सुमनों की गंध कहीं यह वायु उड़ा ले जाती है; ऐसा सुनता, उस पार, प्रिये, ये साधन भी छिन जाएँगे; तब मानव की चेनतता का … Read more

कौरव कौन, कौन पांडव – अटल बिहारी वाजपेई

अटल बिहारी वाजपेई

कौरव कौन कौन पांडव टेढ़ा सवाल है । दोनों और शकुनि का फैला कूट-जाल है। जुए की लत है। हर पंचायत में पांचाली अपमानित है। बिना कृष्ण के आज महाभारत होना है, महाभारत होना है, कोई राजा बने रंक को तो रोना है । अटल बिहारी वाजपेई

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