राधा की प्रीत

नई नही युगों पुरानी है रीत, किशन के संग राधा की प्रीत। वृंदावन की गलीयो में छिङी कोई धुन सुरीली, जैसे गोपीयो के अधरों पर कान्हा की हो मुरली। कृष्ण मे समाहित एसे है रुक्मणी , जैसे शिवशक्ति की अद्विक जोङी। कल्पना के परै मिलन बगैर विरह, अंततः मोहन को पा ही लेती मीरा स्वतः। … Read more

उम्र गुज़रेगी इंतहान में – जॉन एलिया

उम्र गुज़रेगी इम्तहान में क्या?दाग ही देंगे मुझको दान में क्या? मेरी हर बात बेअसर ही रही नुक्स है कुछ मेरे बयान में क्या? बोलते क्यो नहीं मेरे अपने आबले पड़ गये ज़बान में क्या? मुझको तो कोई टोकता भी नहीं यही होता है खानदान मे क्या? अपनी महरूमिया छुपाते है हम गरीबो की आन-बान में क्या? वो मिले … Read more

काका हाथरसी – कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ

प्रकृति बदलती क्षण-क्षण देखो,बदल रहे अणु, कण-कण देखो|तुम निष्क्रिय से पड़े हुए हो |भाग्य वाद पर अड़े हुए हो| छोड़ो मित्र ! पुरानी डफली,जीवन में परिवर्तन लाओ |परंपरा से ऊंचे उठ कर,कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ | जब तक घर मे धन संपति हो,बने रहो प्रिय आज्ञाकारी |पढो, लिखो, शादी करवा लो ,फिर मानो यह बात हमारी … Read more

सीढियां उम्र कीे

सीढियां उम्र कीे बस यूँ ही चढा करते रहे, अपने साए के साथ ही आगे बढा करते रहे, हम तो दर पर बेठकर बस इंतजार करते रहे, ए खुशी हम तो तेरा ख्वाबों मे ही दीदार करते रहे, दिल की हस्ती को मिटा कर जार जार करते रहे, ये गुनाह अपने आप से हम बार … Read more

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