किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सबसे छोटा था मेरी हिस्से में माँ आई
फ़रिश्ते आके उनके जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं
वो बच्चे रेल के डिब्बे में जो झाडू लगाते हैं
तलवार तो क्या मेरी नज़र तक नहीं उठी
उस शख़्स के बच्चों की तरफ देख लिया था
किसी भी मोड़ पर तुमसे वफ़ादारी नहीं होगी
हमें मालूम है तुमको यह बीमारी नहीं होगी
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा
मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
कुछ बिखरी हुई यादों के क़िस्से भी बहुत थे
कुछ उस ने भी बालों को खुला छोड़ दिया था
नये कमरों में अब चीजें पुरानी कौन रखता है
परिंदों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है
खिलौनों की दुकानों की तरफ़ से आप क्यूँ गुज़रे
ये बच्चे की तमन्ना है ये समझौता नहीं करती
Kya bat hai