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इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ
मेरा इश्क़ बे-मज़ा था तेरी दुश्मनी से पहले
गुल से लिपटी हुई तितली को गिराकर देखो
आंधियों तुमने दरख़्तों को गिराया होगा
आग का क्या है पल दो पल में लगती है
बुझते बुझते एक ज़माना लगता है
मैकशों आगे बढ़ो बादाकशो आगे बढ़ो
अपना हक़ मांगा नहीं जाए है छीना जाए है
क़त्ल तो नहीं बदला क़त्ल की अदा बदली
तीर की जगह क़ातिल साज़ उठाए बैठा है
इंतज़ार के शब में चिलमने सरकती हैं
चौंकते हैं दरवाजे, सीढ़ियां धड़कती हैं
घटा छाई हुई है, तू ख़फा है, रिंद प्यासे हैं
ये क़त्लेआम, क़त्लेआम, क़त्लेआम है साक़ी
कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर
और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया
कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर
और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया
इस तरह मोहब्बत में दिल पे हुक्मरानी है
दिल नहीं मिरा गोया उन की राजधानी है
दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले
ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले
इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले
दिल में आहट सी हुई रूह में दस्तक गूँजी
किस की ख़ुश-बू ये मुझे मेरे सिरहाने आई
तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है
तेरे आगे चाँद पुराना लगता है
आग का क्या है पल दो पल में लगती है
बुझते बुझते एक ज़माना लगता है
इस दिल के टूटने का मुझे कोई ग़म नहीं
अच्छा हुआ कि पाप कटा दर्द-ए-सर गया
कभी होता नहीं महसूस वो यूँ क़त्ल करते हैं
निगाहों से कनखियों से अदाओं से इशारों से
सिर्फ़ इतने जुर्म पर हंगामा होता जाए है
तेरा दीवाना तेरी गलियों में देखा जाए है
दिलबरों के भेस में फिरते हैं चोरों के गिरोह
जागते रहियो कि इन रातों में लूटा जाए है
Very nice