मीराँबाई

होरी खेलनकू आई राधा प्यारी हाथ लिये पिचकरी॥ध्रु०॥कितना बरसे कुंवर कन्हैया कितना बरस राधे प्यारी॥ हाथ०॥१॥सात बरसके कुंवर कन्हैया बारा बरसकी राधे प्यारी॥ हाथ०॥२॥अंगली पकड मेरो पोचो पकड्यो बैयां पकड झक झारी॥ हाथ०॥३॥मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर तुम जीते हम हारी॥ हाथ०॥४॥ होरी खेलत हैं गिरधारी।मुरली चंग बजत डफ न्यारो।संग जुबती ब्रजनारी।।चंदन केसर छिड़कत मोहनअपने … Read more

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