बशीर बद्र
बशीर बद्र
ग़म छुपाते रहे मुस्कुराते रहे – बशीर बद्र ग़म छुपाते रहे मुस्कुराते रहे, महफ़िलों-महफ़िलों गुनगुनाते रहे आँसुओं से लिखी दिल की तहरीर कोफूल की पत्तियों से सजाते रहे ग़ज़लें कुम्हला गईं नज़्में मुरझा गईं,गीत सँवला गये साज़ चुप हो गये फिर भी अहल-ए-चमन कितने ख़ुशज़ौक़ थेनग़्मा-ए-फ़स्ल-ए-गुल गुनगुनाते रहे तेरी साँसों की ख़ुशबू लबों की महक,जाने कैसे … Read more
चुनिन्दा शेर
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है इफ़्तिख़ार आरिफ़ इक बार उस ने मुझ को देखा था मुस्कुरा कर इतनी तो है हक़ीक़त बाक़ी कहानियाँ हैं मेला राम वफ़ा नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए पंखुड़ी इक गुलाब की सी है मीर तक़ी मीर … Read more