तराना-ए-हिन्द – इक़बाल

download kavya Dhara application for more potry सारे जहां से अच्छास हिन्दोरस्तांष हमारा। हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलिस्तांर[1] हमारा।। गुरबत[2] में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में। समझो वहीं हमें भी दिल हो जहां हमारा।। परबत वो सबसे ऊँचा हमसाया आस्मांह का। वो संतरी हमारा, वो पासबां[3] हमारा।। गोदी में खेलती हैं … Read more

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