मेरे न हुए

वफ़ा की शान वो लेकिन कभी मेरे न हुए है मेरी जान वो लेकिन कभी मेरे न हुए उन्हीं का ज़िक्र ग़ज़ल भी वही फ़साना भी सुख़न की आन वो लेकिन कभी मेरे न हुए नशा है उन की सदा का कि धड़कनें मेरी रहा गुमान वो लेकिन कभी मेरे न हुए गुलों में रंग … Read more

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