प्रेम और प्रतिज्ञा

भरत-वंशदेवधर के वृक्षअधरों परममता भरी मुस्काननयनों में आँसूस्मरण प्रेयसी कादेखता रहताअपने ओजस्वी सुपुत्र कोनाम के अनुरूप उसका चरित्रहस्तिनापुर का युवराजगंगापुत्र देवव्रत पिता शांतनु कोअति प्याराउनसे भी अतिगुणवान। [ राजा शांतनु को निषाद कन्या सत्यवती से प्रेम हो गया था, परंतु सत्यवती के पिता ने उनसे यह शर्त रखी कि सत्यवती का पुत्र ही हस्तिनापुर पर … Read more

कैद अपनी ही

http://bit.ly/2FxTs8p किसने कहा था खूँटा जो गड़ा है उससे बँधी रस्सी के एक सिरे पर कसकर गाँठ बांध दो दूसरे सिरे के गोल घेरे में अपनी गरदन डाल दो रस्सी तुड़ाकर भागो लेकिन बार-बार वापस आ उसी के आसपास घूमती रहो कहना किसे है – ऐसे में जब खुद अपनी ही कैद में गिरफ्त हो … Read more

प्रेम का अनुपात

download kavya dhara hindi application मैं जब कह रहा होता हूँ तुम मेरी बात को समझो इसका अर्थ ही यह होता है तुम मेरी बात मान जाओ पर तुम हठ करती हो बात नहीं माननी होती तो चुप बनी रहती हो तुम्हारा अचूक हथियार है चुप्पी मैं तुम्हे शब्दों से दबोचता हूँ तुम मुझे अपनी … Read more

कैसे देखूँ

download kavya dhara hindi application डूबती साँझ की व्यथा कैसे देखूँ – इन सहमे उदास पेडों को कैसे देखूँ- इस स्तब्ध अंधियारी को कैसे देखूँ – यह भयावना एकाकीपन और सूनी बोझिल शामें यह घुट-घुट, डूबती स्याह शामें – पूजा घंटियों को शून्य कर देने वाली प्रतिध्वनियाँ झाड़ियों में झींगुरों का अनवरत गुंजन, नयन-तट से … Read more

उस के होंटों पे

आते आते मिरा नाम सा रह गया उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया रात मुजरिम थी दामन बचा ले गई दिन गवाहों की सफ़ में खड़ा रह गया वो मिरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए और मैं था कि सच … Read more

error: Content is protected !!