मैंने फूल का नाम लिया – फूल खिल उठा
चटख रंगों में बिखेरने लगा पराग।
मैंने चिड़िया का नाम लिया – गाने लगी चिड़िया
अंडे में से रोशनी में निकल आई सब बंधन तोड़।
मैंने दिन का नाम लिया, नाम लिया इस क्षण का
कि आ गया यह दिन, यह क्षण
मैंने बच्चे का नाम लिया – वह पैदा हो गया,
और रहेगा जीने के लिए हमारे बाद।
अभी मुझे नाम लेने हैं कुछ और चीजों के
जो पड़ी हैं अनाम अंधकार में।
एकदम मामूली है मेरा यह जादू
लेकिन यह रहेगा अभी जादू ही।
- यून्ना मोरित्स
अनुवाद – वरयाम सिंह
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