चाहता हूँ प्रेम

मैं नहीं चाहता हर कोई मुझे प्‍यार करेइसलिए कि संघर्ष की भावना के साथ-साथमुझमें बीज की तरह बैठा है मेरा युगशायद एक नहीं, बल्कि कई-कई युग। पश्चिम के प्रति मैं सावधान होने का अभिनय नहीं करता,न पूरब की पूजा करता हूँ अंधों के तरह,दोनों पक्षों की प्रशंसा पाने के लिएमैंने स्‍वयं अपने से पूछी नहीं … Read more

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