ज़िंदगी यूँ भी जली – कुँअर बेचैन
ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तकचाँदनी चार क़दम, धूप चली मीलों तक प्यार का गाँव अजब गाँव है जिसमें अक्सरख़त्म होती ही नहीं दुख की गली मीलों तक प्यार में कैसी थकन कहके ये घर से निकलीकृष्ण की खोज में वृषभानु-लली मीलों तक घर से निकला तो चली साथ में बिटिया की … Read more