मिल गया है इक नया

मिल गया है इक नया संसार तुमसे। लग रहा करने लगी हूँ प्यार तुमसे। साँझ की चढ़ती जवानी भी न भाती। भोर की पहली किरन भी हास पाती। ओस के संसर्ग भीगे पात दिल के। फूल ज्यों सोए पड़े हैं आज खिल के। है इन्हीं सा हाल, जोड़े तार तुमसे ? लग रहा करने लगी … Read more

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