इश्क है -मुनव्वर राना

इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिये आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये ऐरे गैरे लोग भी पढ़ने लगे हैं इन दिनों आपको औरत नहीं अखबार होना चाहिये जिंदगी कब तलक दर दर फिरायेगी हमें टूटा फूटा ही … Read more

मुनव्वर राना – चंद शेर

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आईमैं घर में सबसे छोटा था मेरी हिस्से में माँ आई फ़रिश्ते आके उनके जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैंवो बच्चे रेल के डिब्बे में जो झाडू लगाते हैं तलवार तो क्या मेरी नज़र तक नहीं उठीउस शख़्स के बच्चों की तरफ देख लिया था किसी भी … Read more

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