विवश ना बन

बंदा तु विवश ना बन छोडना तु मंजिल का पथ मन की सुन – मन की कर हार कभी नहीं है हौशले की तुही तेरा गुरु – तुही तेरा शिष्य प्रतिभा पर पाबंदी कयों? तारीफ की उम्मीदें कयो? राह चुनी हे चलता जा कंकर कि परवाह कयो? मन की उडान छुता जा तालीयाँ की उम्मीद … Read more

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