चुनिन्दा शेर

दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है इफ़्तिख़ार आरिफ़ इक बार उस ने मुझ को देखा था मुस्कुरा कर इतनी तो है हक़ीक़त बाक़ी कहानियाँ हैं मेला राम वफ़ा नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए पंखुड़ी इक गुलाब की सी है मीर तक़ी मीर … Read more

उदास रात – बशीर बद्र

उदास रात है कोई तो ख़्वाब दे जाओ मिरे गिलास में थोड़ी शराब दे जाओ बहुत से और भी घर हैं ख़ुदा की बस्ती में फ़क़ीर कब से खड़ा है जवाब दे जाओ मैं ज़र्द पत्तों पर शबनम सजा के लाया हूँ किसी ने मुझ से कहा था हिसाब दे जाओ अदब नहीं है ये … Read more

मुलाक़ात पर बेहतरीन शायरी

Download kavya Dhara Hindi mobile application मिटे ये शुबह तो ए दोस्त तुझ से बात करें हमारी पहली मुलाक़ात आख़िरी तो नहीं कृष्ण बिहारी नूर क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं फ़ातिमा हसन कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है रोज़ मिलते … Read more

शेर

कई दिन से शरारत ही नहीं की मिरे अंदर का बच्चा लापता है अमित शर्मा तुझ पे जमी हैं सब की नज़रें तेरी नज़र में कौन रहेगा अनीस अब्र किस ख़ता की सज़ा मिली उस को किस लिए रोज़ घटता बढ़ता है इन्दिरा वर्मा ख़ैर दोज़ख़ में मय मिले न मिले शैख़-साहब से जाँ तो … Read more

बशीर बद्र

अजीब शख़्स है नाराज़ हो के हँसता है मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से कहीं भी जाऊँ मिरे साथ साथ चलते हैं कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी … Read more

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