बस एक वक़्त का खंजर मेरी तलाश में है

बस एक वक़्त का खंजर मेरी तलाश में है
जो रोज़ भेस बदल कर मेरी तलाश में है

मैं एक कतरा हूँ मेरा अलग वजूद तो है
हुआ करे जो समंदर मेरी तलाश में है

मैं देवता की तरह क़ैद अपने मंदिर में
वो मेरे जिस्म के बाहर मेरी तलाश में है

मैं जिसके हाथ में इक फूल देके आया था
उसी के हाथ का पत्थर मेरी तलाश में है

कृष्ण बिहारी नूर

जन्म : 8 नवंबर 1925, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

भाषा : हिंदी, उर्दू

विधाएँ : कविता

गजल संग्रह : दुख-सुख, तपस्या, समुन्दर मेरी तलाश में है, तजल्ली-ए-नूर, हुसैनियत की छाँव में

A nice poem
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